भारत की प्राकृतिक धरोहर
भारत में कई झीलें हैं, लेकिन ओडिशा की यह झील सबसे खास है।
चिलिका झील (Chilika Lake) एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है, जो ओडिशा के तटीय क्षेत्र में फैली हुई है।
यह झील ओडिशा की समृद्ध जैव विविधता (Biodiversity), सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम है।
यही वजह है कि इसे “भारत का स्वर्ग” कहा जाता है। यहाँ हर साल लाखों सैलानी देश-विदेश से घूमने आते हैं।

चिलिका झील का इतिहास और पौराणिक महत्व
चिलिका झील का उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों और लोककथाओं में मिलता है। माना जाता है कि यहाँ देवी कालिजाई का मंदिर झील के बीच एक द्वीप पर स्थित है।
स्थानीय मछुआरों के अनुसार, देवी माँ झील की रक्षा करती हैं और उनके आशीर्वाद से जल कभी सूखता नहीं।
“कालिजाई पर्व” हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जो स्थानीय संस्कृति का अहम हिस्सा है।
प्राकृतिक विशेषताएँ – झील की असली पहचान
1️⃣ डॉल्फ़िन्स का संसार
चिलिका झील में पाए जाने वाली इरावती डॉल्फ़िन (Irrawaddy Dolphins) इस क्षेत्र की शान हैं।सतपदा (Satpada) क्षेत्र में बोटिंग के दौरान इन दुर्लभ डॉल्फ़िन्स को देखना एक अद्भुत अनुभव है।यह भारत में डॉल्फ़िन देखने के सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक है।
2️⃣ प्रवासी पक्षियों का आश्रय स्थल
सर्दियों के मौसम में यहाँ हजारों प्रवासी पक्षी साइबेरिया, मंगोलिया और रूस से उड़कर आते हैं।Nalabana Bird Sanctuary में 160 से अधिक प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं।यह झील UNESCO की Ramsar Wetland Site के रूप में भी घोषित है, जो इसकी पर्यावरणीय महत्ता को दर्शाती है।
3️⃣ द्वीपों की सुंदरता
चिलिका झील में कई छोटे-बड़े द्वीप हैं —Kalijai Island, Honeymoon Island, Breakfast Island, Nalabana Island, और Birds Island इनमें सबसे प्रसिद्ध हैं।हर द्वीप की अपनी अलग कहानी और आकर्षण है।
यहाँ क्या-क्या करें? (Top Things to Do in Chilika Lake)
1. बोटिंग (Boating): Satpada और Rambha से बोटिंग शुरू करें और डॉल्फिन्स का मज़ा लें।
2. बर्ड वॉचिंग: Nalabana Sanctuary में कैमरा लेकर जाएँ और प्रवासी पक्षियों की तस्वीरें लें।
3. फोटोग्राफी: सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य यहाँ से सबसे खूबसूरत दिखते हैं।
4. Kalijai Temple दर्शन: झील के बीच स्थित मंदिर तक नाव से पहुँचें।
5. इको-टूरिज़्म का अनुभव: OTDC द्वारा संचालित Eco Resorts में ठहरें।

कैसे पहुँचें चिलिका झील तक?
रेल मार्ग: बालुगाँव, रंभा और सतपदा सबसे नज़दीकी स्टेशन हैं।
सड़क मार्ग: पुरी और भुवनेश्वर से टैक्सी या बस द्वारा पहुँचा जा सकता है (100 किमी लगभग)।
हवाई मार्ग: भुवनेश्वर हवाई अड्डा (Biju Patnaik Airport) सबसे नज़दीकी है।
ठहरने के स्थान (Where to Stay)
1. OTDC Panthanivas, Rambha – झील के किनारे सुंदर दृश्य के साथ।
2. Eco Resort, Barkul – शांत वातावरण और नेचर के करीब रहने का अनुभव।
3. Local Homestays – स्थानीय संस्कृति और आतिथ्य का अनुभव।
घूमने का सही समय
चिलिका झील घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी के बीच है। इस दौरान सर्द हवा, साफ आकाश और पक्षियों की चहचहाहट हर पर्यटक को आनंदित कर देती है। गर्मी में यहाँ का तापमान थोड़ा अधिक होता है, इसलिए सर्दी सबसे उपयुक्त मौसम है।
पास के आकर्षक स्थान (Nearby Attractions)
पुरी समुद्र तट – 50 किमी दूरी
कोणार्क सूर्य मंदिर – 70 किमी
भुवनेश्वर लिंगराज मंदिर – 100 किमी
गोपालपुर बीच – दक्षिण दिशा में करीब 80 किमी
इन स्थानों को जोड़कर आप अपनी ओडिशा यात्रा को और यादगार बना सकते हैं।
पर्यटन जानकारी
स्थान: पुरी, गंजाम और खुर्दा जिले में फैलीझील का क्षेत्रफल: लगभग 1,100 वर्ग किमी
भाषा: उड़िया, हिंदी, अंग्रेज़ी
प्रवेश शुल्क: नि:शुल्क
बोटिंग शुल्क: ₹500–₹1500 (प्रकार पर निर्भर)
निष्कर्ष
अगर आप प्रकृति से प्यार करते हैं, पक्षियों की चहचहाहट सुनना पसंद करते हैं, या परिवार के साथ शांतिपूर्ण छुट्टी बिताना चाहते हैं, तो चिलिका झील आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यही वजह है कि इसे लोग स्नेहपूर्वक “भारत का स्वर्ग” कहते हैं —जहाँ धरती, पानी और आसमान एक साथ मिलकर अद्भुत दृश्य बनाते हैं।