क्यों है ‘वंदे मातरम्’ भारत का राष्ट्रीय गीत? जानिए इसका महत्व और पृष्ठभूमि

परिचय Introduction

वंदे मातरम्” — यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत माता के प्रति श्रद्धा, सम्मान और देशभक्ति का प्रतीक है। यह गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राष्ट्रवाद की भावना का सबसे बड़ा स्रोत बना।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि “Vande Mataram” को भारत का राष्ट्रीय गीत (National Song of India) क्यों कहा जाता है?

आइए जानते हैं इसके इतिहास, महत्व और पृष्ठभूमि के बारे में विस्तार से।

राष्ट्रीय गीत के रचयिता – बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

“वंदे मातरम्” के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय थे, जो बंगाल के प्रसिद्ध कवि, उपन्यासकार और स्वतंत्रता प्रेरक लेखक थे।

उन्होंने यह गीत 1870 के दशक में रचा और इसे अपनी प्रसिद्ध उपन्यास “आनंदमठ” (1882) में शामिल किया। इस गीत का उद्देश्य भारत माता के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना जगाना था।

वंदे मातरम् का इतिहास और पृष्ठभूमि

“वंदे मातरम्” का जन्म एक ऐसे दौर में हुआ जब भारत ब्रिटिश शासन की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था।यह गीत भारत माता की वंदना के माध्यम से देशवासियों को आज़ादी की प्रेरणा देता था।

1886 में रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने कांग्रेस के अधिवेशन में इसे पहली बार सार्वजनिक रूप से गाया, और यह जल्द ही स्वतंत्रता आंदोलन का देशभक्ति का प्रतीक बन गया।

🇮🇳 वंदे मातरम् को राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाना

भारत की स्वतंत्रता के बाद, 24 जनवरी 1950 को भारत सरकार ने “वंदे मातरम्” को राष्ट्रीय गीत (National Song of India) के रूप में स्वीकार किया।

जबकि “जन गण मन” को राष्ट्रीय गान का दर्जा दिया गया, “वंदे मातरम्” को समान सम्मान और गरिमा प्रदान की गई।

यह गीत आज भी राष्ट्र के प्रति एकता, प्रेम और समर्पण का संदेश देता है।

वंदे मातरम् का अर्थ (Meaning of Vande Mataram)

वंदे मातरम्” का अर्थ है — राष्ट्रीय गीत का मतलब

गीत में भारत माता को एक देवी के रूप में चित्रित किया गया है जो हरियाली, शस्य-श्यामल भूमि, जल, वायु और संस्कृति की प्रतीक है।

प्रसिद्ध पंक्तियाँ:

वंदे मातरम् ! सुजलां सुफलां मलयज शीतलाम्, शस्यश्यामलां मातरम्।

वंदे मातरम् से जुड़ी रोचक बातें (Interesting Facts about Vande Mataram)

1. “वंदे मातरम्” संस्कृत और बांग्ला भाषा के मिश्रण में लिखा गया था।

2. गीत की पहली दो पंक्तियाँ ही राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकृत हैं।

3. स्वतंत्रता संग्राम के समय “वंदे मातरम्” आंदोलन का नारा बन गया था।

4. इसे कई महान कलाकारों ने अपने स्वर में गाया है, जिनमें लता मंगेशकर और ए.आर. रहमान प्रमुख हैं।

5. आज भी यह गीत राष्ट्रप्रेम और एकता का प्रतीक है।

निष्कर्ष (Conclusion)

“वंदे मातरम्” वह गीत है जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में देशभक्ति की ज्वाला प्रज्वलित की।यह भारत माता के प्रति प्रेम, गर्व और सम्मान का प्रतीक है।

बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय की यह अमर रचना हमें याद दिलाती है कि हमारी मातृभूमि हमारी सबसे बड़ी पहचान है।

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